पंजाब की सड़कों पर कभी ऐसा माहौल था कि हर रोज़ अख़बार की सुर्खियों में किसी न किसी सड़क हादसे की दर्दनाक खबर ज़रूर होती थी। हर दिन औसतन 15 से 16 लोग अपनी जान गंवा देते थे। ये मौतें सिर्फ आंकड़े नहीं थीं, बल्कि किसी परिवार का टूटता सपना, किसी मां की सूनी गोद और किसी बच्चे के सिर से पिता का साया उठ जाने की सच्चाई थीं।
इस दर्द को समझते हुए, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सड़क सुरक्षा के लिए ऐसा कदम उठाया जिसने पूरे राज्य की तस्वीर बदल दी। मान सरकार ने 2024 में दो बड़े मिशन शुरू किए – सड़क सुरक्षा फोर्स (SSF) और ‘फरिश्ते‘ स्कीम। इन दोनों योजनाओं का मकसद पंजाब की सड़कों को सुरक्षित बनाना और सड़क हादसों में घायल लोगों को तुरंत मदद पहुंचाना था।
देश का पहला राज्य जहां सड़क सुरक्षा के लिए समर्पित फोर्स
पंजाब आज देश का पहला राज्य बन गया है जिसने सड़क हादसों को रोकने के लिए एक समर्पित फोर्स – सड़क सुरक्षा फोर्स (SSF) बनाई।
- SSF की शुरुआत साल 2024 में हुई।
- शुरुआत में किसी ने नहीं सोचा था कि ये फोर्स इतने कम समय में इतना बड़ा बदलाव लाएगी, लेकिन नतीजे सबके सामने हैं।
आज पंजाब की 4100 किलोमीटर लंबी सड़क पर हर 30 किलोमीटर पर SSF की टीम तैनात है।
- कुल वाहन: 144 हाई-टेक गाड़ियां
- 116 टोयोटा हिलक्स
- 28 इंटरसेप्टर स्कॉर्पियो
- टीम में कुल जवान: 1,477
- इनमें 287 महिलाएं भी शामिल हैं, जो सड़क सुरक्षा के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण की मिसाल हैं।
हादसे की सूचना मिलते ही SSF की टीमें सिर्फ 5 से 7 मिनट में मौके पर पहुंच जाती हैं।
इनका काम सिर्फ घायल को अस्पताल पहुंचाना ही नहीं है, बल्कि सड़क पर ट्रैफिक को सही तरीके से चलाना, लोगों को ट्रैफिक रूल्स का पालन करवाना और नशे की तस्करी व अन्य अपराधों को रोकने में पुलिस की मदद करना भी है।
हाई-टेक सिस्टम से लैस फोर्स
SSF पूरी तरह से टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इसमें कई मॉडर्न डिवाइस और सिस्टम का इस्तेमाल हो रहा है:
- स्पीड गन – तेज़ गाड़ी पर नज़र रखने के लिए।
- बॉडी कैमरा – ट्रांसपेरेंसी बनाए रखने के लिए।
- ई-चालान सिस्टम – डिजिटल फाइन सिस्टम।
- मोबाइल डेटा और AI तकनीक – स्मार्ट और तेज़ पुलिसिंग के लिए।
इससे सड़क पर सुरक्षा बढ़ी है और लोगों का भरोसा भी मजबूत हुआ है।
SSF की अब तक की बड़ी उपलब्धियां
SSF की मेहनत और मान सरकार की सोच का नतीजा है कि पंजाब में सड़क हादसों में इतिहासिक गिरावट आई है।
- अब तक 37,110 जिंदगियां बचाई गईं।
- फरवरी से अक्टूबर 2024 के बीच 768 लोगों की जान बचाई गई।
- फरवरी-अक्टूबर 2024 में, 2023 की तुलना में सड़क हादसों में 45.55% की कमी आई।
- फरवरी-अप्रैल 2024 में, 2019 से 2022 के मुकाबले 78% की गिरावट, जो अब तक का सबसे कम आंकड़ा है।
- सबसे बड़ी उपलब्धि – 2024 में SSF की तैनाती वाले इलाकों में स्कूल जाने या लौटने वाले किसी भी बच्चे की सड़क हादसे में मौत नहीं हुई।
‘फरिश्ते‘ स्कीम – इंसानियत की मिसाल
पंजाब सरकार ने 2024 में एक और पहल शुरू की – ‘फरिश्ते‘ स्कीम।
पहले लोग सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को देखकर मदद करने से डरते थे। डर था कि पुलिस केस में फंस जाएंगे या कानूनी परेशानी होगी। इस वजह से कई लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते थे।
इस डर को खत्म करने के लिए मान सरकार ने ‘फरिश्ते‘ स्कीम शुरू की।
इस योजना के तहत:
- हादसे में घायल व्यक्ति का पूरा इलाज फ्री होगा, जब तक वह पूरी तरह ठीक न हो जाए।
- घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले को कहा जाएगा ‘फरिश्ता‘।
- सरकार उस ‘फरिश्ते’ को देगी:
- ₹2,000 का इनाम
- प्रशंसा प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट)
- सबसे महत्वपूर्ण बात – मदद करने वाले व्यक्ति से पुलिस या अस्पताल में कोई पूछताछ नहीं होगी।
इससे लोग अब निडर होकर घायलों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
SSF + फरिश्ते = Complete सुरक्षा चक्र
ये दोनों योजनाएं मिलकर पंजाब की सड़कों पर एक सुरक्षा कवच तैयार करती हैं।
- SSF – सड़क हादसों को होने से पहले रोकती है।
- फरिश्ते स्कीम – हादसे के बाद घायल को बचाने के लिए तुरंत मदद देती है।
इसका असर साफ दिख रहा है। सड़क हादसे लगातार कम हो रहे हैं और लोगों का सरकार व सिस्टम पर भरोसा बढ़ा है।
मान सरकार की सोच – सिर्फ़ योजना नहीं, एक सामाजिक क्रांति
इस पहल ने साबित कर दिया है कि सरकार सिर्फ़ कानून बनाने के लिए नहीं होती, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बचाने और उन्हें सुरक्षा देने के लिए भी होती है।
- SSF हमें सुरक्षा का एहसास दिलाती है।
- ‘फरिश्ते’ स्कीम हमें इंसानियत और भरोसे का रिश्ता सिखाती है।
आज पंजाब की सड़कों पर गाड़ियां सिर्फ मंज़िल तक नहीं दौड़तीं, बल्कि साथ में सुरक्षा और इंसानियत का संदेश भी लेकर चलती हैं।
भगवंत मान सरकार की यह पहल पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल बन सकती है।
- 37,000+ जिंदगियां बचाई गईं।
- सड़क हादसों में 78% की ऐतिहासिक कमी।
- देश का पहला राज्य जहां सड़क सुरक्षा के लिए समर्पित फोर्स।
- लोगों में जागरूकता और इंसानियत का जज़्बा बढ़ा।
अब पंजाब की सड़कें सिर्फ सफर का ज़रिया नहीं, बल्कि सुरक्षा और इंसानियत की नई पहचान बन चुकी हैं।
यही असली बदलाव है, यही असली पंजाबियत है।