पंजाब सरकार ने राज्य के गरीब और बुजुर्ग लोगों के लिए एक बड़ी राहत भरी योजना चलाई है, जिसके तहत उन्हें देश के अलग-अलग धार्मिक स्थलों की मुफ्त यात्रा (Free Pilgrimage) कराई जाएगी। यह योजना उन लोगों के लिए है जो आर्थिक तंगी की वजह से अपने जीवन में कभी तीर्थ यात्रा नहीं कर पाते।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस योजना की शुरुआत 6 नवंबर 2023 को की थी। इसे “मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना” नाम दिया गया है। इस योजना के जरिए सरकार ने उन बुजुर्गों की अधूरी ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश की है, जो हमेशा से पवित्र धार्मिक स्थलों के दर्शन करना चाहते थे, लेकिन आर्थिक हालात की वजह से नहीं कर सके।
पहला चरण – 40 करोड़ रुपये का बजट, 33,000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को लाभ
- योजना का पहला चरण 27 नवंबर 2023 से 29 फरवरी 2024 तक चला।
- पहले चरण के लिए पंजाब कैबिनेट ने 40 करोड़ रुपये का बजट तय किया था।
- 27 दिसंबर 2023, गुरु पर्व के मौके पर अमृतसर रेलवे स्टेशन से पहला जत्था श्री नांदेड़ साहिब के लिए रवाना किया गया।
- इस दौरान 33,893 से ज्यादा श्रद्धालुओं को अलग-अलग पवित्र स्थलों की यात्रा करवाई गई।
अप्रैल 2025 में बड़ा बदलाव – उम्र सीमा 60 से घटाकर 50 साल
योजना को लोगों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। इसके बाद अप्रैल 2025 में पंजाब सरकार ने इसमें बड़ा बदलाव किया।
- पहले इस योजना का लाभ सिर्फ 60 साल या उससे ऊपर उम्र के लोग ले सकते थे।
- लेकिन अब सरकार ने उम्र सीमा 50 साल कर दी है।
- यानी अब 50 साल या उससे ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति इस योजना के तहत यात्रा कर सकता है।
इसके साथ ही इस योजना का बजट बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि इस चरण में 50,000 लोगों को धार्मिक स्थलों की यात्रा करवाई जाए।
किन पवित्र स्थलों की करवाई जाती है यात्रा
इस योजना के तहत अलग-अलग धर्मों के श्रद्धालुओं को उनके प्रमुख धार्मिक स्थलों की यात्रा करवाई जाती है।
रेलगाड़ी से यात्रा वाले स्थल:
- श्री हजूर साहिब (नांदेड़, महाराष्ट्र)
- श्री पटना साहिब (पटना, बिहार)
- वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
- मथुरा (उत्तर प्रदेश)
- वृंदावन (उत्तर प्रदेश)
- अजमेर शरीफ (राजस्थान)
एसी बसों से यात्रा वाले स्थल:
- श्री हरमंदिर साहिब (अमृतसर)
- श्री आनंदपुर साहिब
- तलवंडी साबो
- माता चिंतपूर्णी (हिमाचल प्रदेश)
- माता ज्वाला देवी (हिमाचल प्रदेश)
- नैना देवी (हिमाचल प्रदेश)
- माता वैष्णो देवी (जम्मू-कश्मीर)
- सालासर बालाजी धाम (राजस्थान)
- खाटू श्याम धाम (राजस्थान)
यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं – सब कुछ बिल्कुल मुफ्त
इस योजना के तहत सरकार यात्रियों को पूरी तरह फ्री सेवा देती है।
- ट्रेन और एसी बस से मुफ्त सफर
- एसी कमरे में रहने की सुविधा
- मुफ्त खाना और पानी
- हर यात्री को एक स्वागत किट, जिसमें –
- चादर
- कंबल
- तौलिया
- तेल
- कंघी
- सफर के दौरान डॉक्टर, वॉलंटियर और सरकारी अधिकारी साथ रहेंगे।
- 75 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग अपने साथ एक युवा सहायक भी ले जा सकते हैं।
- यात्रा शुरू होने से पहले अधिकारियों की टीम वहां जाकर सभी प्रबंध करती है।
योजना का मकसद – सिर्फ सफर नहीं, भावनाओं का सम्मान
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना सिर्फ एक सरकारी प्रोग्राम नहीं है, बल्कि यह पंजाब सरकार और आम जनता के बीच भावनाओं का सेतु है।
- इसका मकसद है कि जिन लोगों ने अपना पूरा जीवन परिवार और समाज के लिए समर्पित कर दिया, उन्हें आध्यात्मिक शांति और धार्मिक संतुष्टि का अनुभव हो सके।
- यह योजना गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं पर आधारित है, जो भाईचारे और अमन-शांति का संदेश देती हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं – जसवीर कौर का अनुभव
संगरूर जिले के एक गाँव की जसवीर कौर ने बताया कि उन्होंने पहली बार इस योजना के जरिए श्री हजूर साहिब के दर्शन किए।
“मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं श्री हजूर साहिब जा पाऊंगी। यह मेरे लिए सपना पूरा होने जैसा है। पंजाब सरकार का यह कदम हमारे जैसे बुजुर्गों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।”
मान सरकार का सराहनीय कदम
पंजाब सरकार की यह पहल न केवल धार्मिक यात्राओं तक सीमित है, बल्कि यह लोगों के दिलों को जोड़ने का काम कर रही है।
- जब बुजुर्ग अपनी यात्रा पूरी कर घर लौटते हैं, तो वे सिर्फ दर्शन ही नहीं लाते, बल्कि अपने साथ एक नई ऊर्जा, नए अनुभव और सरकार के प्रति गहरा विश्वास लेकर लौटते हैं।
- यह योजना साबित करती है कि एक सच्चा कल्याणकारी राज्य वही होता है, जो लोगों की भौतिक जरूरतों के साथ-साथ उनकी भावनात्मक और आध्यात्मिक जरूरतों का भी ध्यान रखता है।
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि पंजाब के हजारों बुजुर्गों और गरीब परिवारों के सपनों को हकीकत में बदलने का माध्यम है। यह योजना पंजाब की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के साथ-साथ लोगों में भाईचारा और एकता का संदेश देती है।
सरकार का यह प्रयास न केवल लोगों को पवित्र स्थलों तक पहुंचाता है, बल्कि उनके दिलों तक भी पहुंचता है – एक ऐसी यात्रा जो दिल से शुरू होती है और आत्मा को शांति देती है।