पंजाब में हाल ही में आई भयंकर बाढ़ ने लाखों लोगों की जिंदगी को हिला कर रख दिया। हजारों गांव पानी में डूब गए, फसलें बर्बाद हो गईं और कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी। इस तबाही से 20,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
ऐसे मुश्किल समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पंजाब के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण (aerial survey) किया और हालात का जायजा लिया। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1600 करोड़ रुपए का राहत पैकेज घोषित किया।
लेकिन यह राहत पैकेज पंजाब के लोगों को बिल्कुल भी राहत देने वाला साबित नहीं हुआ। पंजाब सरकार और आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे बहुत कम (निगूना) बताते हुए केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोला है।
अमन अरोड़ा का गुस्सा फूटा
पंजाब के कैबिनेट मंत्री और AAP के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने इस पैकेज को “क्रूर मज़ाक” और “भद्दा तमाशा” करार दिया। उन्होंने कहा,
“जब पूरा पंजाब बाढ़ की तबाही से जूझ रहा है, हजारों परिवार बर्बाद हो गए हैं, किसान कंगाल हो गए हैं, ऐसे समय में सिर्फ 1600 करोड़ देना उनके घावों पर नमक छिड़कने जैसा है। यह हर उस व्यक्ति के मुँह पर थप्पड़ है, जिसने बाढ़ में सब कुछ खो दिया है।”
अरोड़ा ने कहा कि यह रकम पंजाब की जरूरतों के मुकाबले बहुत ही कम है और यह पंजाबियों के साथ अपमान है। उन्होंने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि,
“मोदी जी ने पंजाब के दर्द से मुँह मोड़ लिया।”
पंजाब का नुकसान – आंकड़ों में तबाही
अमन अरोड़ा ने पंजाब में हुए नुकसान के चौंकाने वाले आंकड़े भी पेश किए।
नुकसान का पहलू | आंकड़ा |
कुल नुकसान की कीमत | 20,000 करोड़ रुपए से अधिक |
केंद्र का घोषित राहत पैकेज | 1600 करोड़ रुपए |
प्रभावित कृषि भूमि | 4.80 लाख एकड़ |
झोने (धान) की प्रभावित भूमि | 3.71 लाख एकड़ |
बाढ़ में मौतें | 52 लोग |
प्रभावित गांव | 2000 से ज्यादा |
सीधे प्रभावित लोग | 4 लाख से ज्यादा |
अरोड़ा ने कहा कि किसानों की फसलें कटाई से सिर्फ 15-20 दिन पहले ही बर्बाद हो गईं, जिससे उनका पूरा सीजन का मेहनताना खत्म हो गया। अब किसानों के पास दुबारा बुआई का कोई मौका नहीं है।
“हमारे किसानों ने जिन फसलों को अपने बच्चों की तरह पाल रखा था, वे सब कुछ पानी में बह गईं।”
मान सरकार की मांग
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान लगातार केंद्र सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि:
- 60,000 करोड़ रुपए के रोके हुए फंड तुरंत जारी किए जाएं।
- पंजाब को 20,000 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज दिया जाए।
लेकिन अब तक केंद्र सरकार की तरफ से सिर्फ 1600 करोड़ रुपए दिए गए हैं। अरोड़ा ने इसे पंजाब के प्रति स्पष्ट अनदेखी (clear ignorance) बताया।
ऐतिहासिक योगदान पर सवाल
अरोड़ा ने याद दिलाया कि पंजाब ने हमेशा देश के लिए सबसे आगे रहकर योगदान दिया है:
- आज़ादी की लड़ाई में पंजाबियों का बड़ा योगदान रहा।
- पंजाब देश का अन्न भंडार भरता रहा है।
- पंजाब के जवान देश की सरहदों की रक्षा करते रहे हैं।
उन्होंने कहा,
“जब हमारी जमीन बाढ़ में डूबी हुई है, हमारे लोग दर्द और तकलीफ में हैं, तब केंद्र सरकार का रवैया बहुत निराशाजनक है। पंजाब की मांगों को नजरअंदाज करना, हमारे योगदान के प्रति कृतघ्नता (ungratefulness) को दर्शाता है।”
पुनर्वास की सख्त जरूरत
अरोड़ा ने कहा कि यह 1988 के बाद की सबसे भयानक बाढ़ है।
- अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है।
- लाखों लोग बेघर हो गए हैं।
- हजारों घर, सड़कें और पुल तबाह हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी तबाही के बाद वृहद राहत पैकेज (large relief package) की तुरंत जरूरत है ताकि लोगों को फिर से बसाया जा सके और उनकी जिंदगी पटरी पर लौट सके।
“केंद्र सरकार को तुरंत नुकसान का सही मूल्यांकन करना चाहिए और पंजाब के लिए एक बड़ा और व्यावहारिक पैकेज जारी करना चाहिए,”
अरोड़ा ने यह अपील की।
पंजाब आज बाढ़ के कारण एक मानव त्रासदी (human tragedy) का सामना कर रहा है।
जहां किसानों की मेहनत पानी में बह गई, घर तबाह हो गए और हजारों लोग बेसहारा हो गए हैं।
ऐसे समय में केंद्र सरकार का सिर्फ 1600 करोड़ रुपए का पैकेज पंजाब की जनता के जख्मों को और गहरा कर रहा है।
अमन अरोड़ा और पंजाब सरकार ने केंद्र से तुरंत बड़ा राहत पैकेज जारी करने की मांग की है और कहा है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो यह देश के अन्नदाता के साथ सबसे बड़ा अन्याय होगा।