लुधियाना नगर निगम में शुक्रवार को होने वाली एफएंडसीसी (Finance and Contract Committee) की बैठक मेयर प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर और सीनियर डिप्टी मेयर राकेश पराशर के बीच हुई बहसबाजी की वजह से टल गई। बैठक के दौरान माहौल इतना गरमा गया कि राकेश पराशर और डिप्टी मेयर प्रिंस जौहर नाराज़ होकर मीटिंग बीच में ही छोड़कर चले गए।
जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में 400 से ज्यादा अहम मुद्दों पर चर्चा होनी थी। लेकिन मेयर और डिप्टी मेयरों के बीच बढ़ते मतभेद के कारण सारे एजेंडे फिलहाल अधर में लटक गए हैं। डिप्टी मेयरों का आरोप है कि मेयर ने टेंडर प्रक्रिया से जुड़ी गंभीर शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया, जिससे निगम के प्रशासनिक कामकाज पर भी असर पड़ रहा है।
AAP विधायकों की बैठक बुली
मामला तूल पकड़ता देख, सीनियर डिप्टी मेयर राकेश पराशर ने बताया कि आज आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई गई है।
उन्होंने कहा, “हम इस बैठक में टेंडर और अन्य मामलों में निगम अधिकारियों की लापरवाही पर चर्चा करेंगे। टेंडर से जुड़ी शिकायतें निगम कमिश्नर आदित्य को देने के बावजूद कोई हल नहीं निकला और मेयर ने भी एफएंडसीसी की बैठक में इसे उठाने की बजाय नजरअंदाज कर दिया। ये सही नहीं है।”
पराशर ने आगे कहा कि पार्टी हमेशा जनता के हित में काम करती है और अगर किसी टेंडर में गड़बड़ी की आशंका है, तो उसकी जांच होना जरूरी है। उन्होंने साफ कहा कि “निगम के पैसे की बर्बादी नहीं होने देंगे और पार्टी लीडरशिप में जो गेप बना है, उसे जल्द दूर किया जाएगा।”
प्रिंस जौहर ने पराशर का दिया समर्थन
डिप्टी मेयर प्रिंस जौहर ने भी राकेश पराशर के स्टैंड को पूरा समर्थन दिया। उन्होंने कहा, “राकेश पराशर को निगम के काम का 30 साल का अनुभव है। उन्होंने अगर टेंडर पर सवाल उठाए हैं, तो जरूर कोई वजह होगी। मीटिंग में जाने का मतलब तभी है जब लोकहित में सही फैसले लिए जाएं और लोगों की समस्याओं का समाधान हो।”
क्या है विवाद की जड़?
सूत्रों के मुताबिक, विवाद की जड़ निगम की टेंडर प्रक्रिया और उस पर कार्रवाई न होने को लेकर है। डिप्टी मेयरों का कहना है कि मेयर ने कई शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया, वहीं मेयर की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आगे क्या?
अब AAP विधायकों की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होगी और तय किया जाएगा कि निगम में कामकाज को सही दिशा में कैसे आगे बढ़ाया जाए। फिलहाल, 400 से ज्यादा मुद्दे जो एफएंडसीसी की बैठक में पास होने थे, टकराव की वजह से लटक गए हैं।
यह साफ है कि मेयर और डिप्टी मेयर के बीच का यह विवाद न केवल निगम की कार्यशैली पर असर डाल रहा है, बल्कि जनता के काम भी रुक रहे हैं।