पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है। दरअसल, किसान जत्थेबंदियां लगातार मांग कर रही हैं कि सरकार इस पॉलिसी की अधिसूचना को रद्द करे। इसी कारण उम्मीद है कि आज की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।
हालांकि, सरकार की तरफ से अभी तक इस मीटिंग का ऑफिशियल एजेंडा जारी नहीं किया गया है। लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि लैंड पूलिंग पॉलिसी के साथ-साथ इंडस्ट्रियल सेक्टर को राहत देने और डेवलपमेंट से जुड़े कुछ अहम प्रस्ताव भी सामने आ सकते हैं। चूंकि स्वतंत्रता दिवस नजदीक है, ऐसे में सरकार इस मौके पर बड़े ऐलान करने की तैयारी में हो सकती है।
क्या है पृष्ठभूमि?
इससे पहले 30 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में पंजाब सरकार ने राज्य के 154 ब्लॉकों के पुनर्गठन (restructuring) को मंजूरी दी थी। इस कदम के बाद अब पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव कराए जाने हैं।
इसके अलावा, सरकार पहले ही कन्वर्ज़न पॉलिसी में बदलाव को मंजूरी दे चुकी है, जिससे इंडस्ट्रियल प्लॉट्स का इस्तेमाल अब कमर्शियल एक्टिविटीज़ के लिए भी किया जा सकेगा। यह कदम उद्योगपतियों को बड़ी राहत देने वाला माना गया।
क्यों विवादों में है लैंड पूलिंग पॉलिसी?
लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर किसान संगठनों का कहना है कि इससे किसानों की ज़मीन पर असर पड़ेगा और उनकी मर्ज़ी के बिना जमीन के उपयोग का तरीका बदल सकता है। किसानों का तर्क है कि सरकार को इस पॉलिसी को वापस लेना चाहिए और खेती-किसानी के हितों की रक्षा करनी चाहिए।
आज की बैठक पर सबकी नजर
आज की कैबिनेट मीटिंग में क्या फैसला होगा, इस पर किसानों, विपक्षी दलों और इंडस्ट्रियल सेक्टर की नज़रें टिकी हुई हैं। अगर सरकार लैंड पूलिंग पॉलिसी को रद्द करने का प्रस्ताव लाती है, तो यह पंजाब की भूमि नीति में एक बड़ा बदलाव होगा।