पंजाब में आई भीषण बाढ़ ने राज्य के 2,305 गांवों को प्रभावित किया है। लगभग 20 लाख लोग बाढ़ से परेशान हैं और इस आपदा में 56 लोगों की मौत हो गई है। करीब 7 लाख लोग बेघर हुए हैं और 5 लाख एकड़ फसलें नष्ट हो गई हैं। इसके अलावा 3,200 सरकारी स्कूल, 19 कॉलेज, 1,400 क्लीनिक और अस्पताल, 8,500 किलोमीटर सड़कें और 2,500 पुल बाढ़ की चपेट में आ गए। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार कुल नुकसान लगभग ₹13,800 करोड़ है।
इस गंभीर संकट के बीच, केंद्र सरकार ने पंजाब के लिए केवल ₹1,600 करोड़ की राहत राशि का ऐलान किया, जबकि बिहार को ₹7,500 करोड़ की मदद मिली। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इसे असमान और बहुत कम राशि बताया। उनके अनुसार, ₹1,600 करोड़ पैकेज से प्रत्येक प्रभावित गांव को केवल ₹80 लाख ही मिलेंगे, जो पर्याप्त नहीं है।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि बाढ़ का मुद्दा कुछ विपक्षी नेता केवल राजनीतिक लाभ के लिए उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह समय एकजुट होने का है, लेकिन कुछ नेताओं ने सरकार के खिलाफ आलोचना कर मीडिया की सुर्खियां बटोरी। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि मतभेद भूलकर पंजाब और इसके लोगों को बाढ़ से बाहर निकालने में मदद करें।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलने की बजाय केवल अपने पसंदीदा नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने इसे जनता के प्रति असंवेदनशील रवैया बताया।
राज्य सरकार के प्रयास और योजनाएं
- राज्य सरकार ने नालियों की सफाई और गाद निकालने का काम तेज किया है। पिछली सरकार ने 2066 किलोमीटर नालियों की सफाई की थी, जबकि भगवंत मान की सरकार ने तीन साल में 3,825 किलोमीटर नालियों की सफाई की।
- भाखड़ा और पौंग बांध से गाद निकालने की मांग की जा रही है, लेकिन पिछले 70 सालों में ऐसा नहीं हुआ। इस साल घग्गर नदी में गाद निकालने के कारण बाढ़ की रिपोर्ट कम रही।
- बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए 2 लाख क्विंटल मुफ्त गेहूं के बीज का वितरण किया गया, जिसका मूल्य ₹74 करोड़ है।
- ‘रंगला पंजाब फंड’ शुरू किया गया है, जिसमें प्रत्येक पैसे का उपयोग पारदर्शिता के साथ बाढ़ प्रभावित लोगों की भलाई के लिए किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी, तो वह प्रधानमंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
IMD और बांधों पर टिप्पणी
मुख्यमंत्री ने IMD की भविष्यवाणियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कई पूर्वानुमान गलत थे और उदाहरण के तौर पर एक दिन 1961 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हुई।
पौंग बांध में 1988 की तुलना में 60.4 प्रतिशत अधिक पानी आया, जबकि रणजीत सागर बांध में 2023 के मुकाबले 65.3 प्रतिशत ज्यादा पानी आया।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
- मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विपक्षी नेता बाढ़ का राजनीतिकरण कर रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं।
- अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर आरोप लगाया कि वे गलत तरीकों से कमाए पैसे लोगों में बांट रहे हैं और फंड को घुमाकर दिखा रहे हैं।
- पूर्व उपमुख्यमंत्री और अकाली दल ने राज्य के व्यापक विकास का दावा किया, लेकिन मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि क्या उन्होंने कोटकपुरा, बहिबल कलां और अन्य जगहों पर हुई बेगुनाहों की हत्या और धार्मिक बेअदबी के मामलों को नजरअंदाज किया।
मुख्यमंत्री का संदेश
भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब ने हमेशा देश के संकट में ढाल का काम किया है – चाहे अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना हो, सीमाओं की रक्षा करना हो या स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देना हो। उन्होंने पंजाबियों की बहादुरी के उदाहरण जैसे सरागढ़ी की लड़ाई और लोंगोवाल की लड़ाई का जिक्र किया।
मुख्यमंत्री ने सभी पंजाबियों और नेताओं से एकजुट होने की अपील की और कहा कि केंद्र सरकार से उचित राहत प्राप्त करने के लिए वे लड़ते रहेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार के प्रयास और समाजसेवी लोगों के समर्थन से पंजाब फिर से देश में अग्रणी राज्य के रूप में उभरेगा।