IAS Officers’ Association द्वारा ‘Mission Chardi Kala’ में ₹5 lakh का contribution देने की घोषणा की

पिछले कुछ महीनों में Punjab को बेहद भयंकर बाढ़ का सामना करना पड़ा है। राज्य के कई हिस्सों में नदी-नाले किनारे टूटे, बारिश ने तबाही मचाई और किसानों-परिवारों की ज़िंदगी अस्त-व्यस्त हो गई।

  • Bhagwant Mann ने 17 सितंबर 2025 को राज्य में Mission Chardi Kala नामक ग्लोबल रेज़लिंग अभियान शुरू किया, जिसमें बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत और पुनर्निर्माण के लिए सहयोग जुटाया जाना है।
  • उन्होंने बताया कि अनुमानित नुकसान लगभग ₹13,800 करोड़ है, लेकिन यह राशि और बढ़ भी सकती है।
  • प्रभावित आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं: लगभग 2,300 गाँव जलमग्न हुए, 7 लाख से अधिक लोग बेघर हुए, 5 लाख एकड़ फसलें नष्ट हुईं, 3,200 स्कूल, 19 कॉलेज, 8,500 किलोमीटर सड़कें तथा 2,500 पुल भी भारी क्षति झेल चुके हैं।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि अब “राहत” (relief) का दौर समाप्त हो रहा है, अब “पुनर्निर्माण” (rehabilitation) का कार्य शुरू करना है — किसानों को फिर से खेत में काम करना है, बच्चों को स्कूल जाना है, एवं परिवारों को अपने घर वापस बसाना है।

आईएएस अधिकारियों की पहल: ₹5 लाख का योगदान

इस लड़ाई में अब प्रशासनिक अधिकारी भी सामने आ रहे हैं। Punjab State IAS Officers’ Association ने 21 अक्तूबर 2025 को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है।

  • इस एसोसिएशन ने घोषणा की कि वे इस वर्ष दिवाली सादगी पूर्वक मनाएँगे और साथ ही ‘मिशन चढ़दी कला’ के लिए ₹5 लाख का योगदान देंगे।
  • इससे पहले भी उन्होंने बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए अपनी एक दिन की तनख़्वाह का योगदान देने का निर्णय लिया था।

यह कदम यह दर्शाता है कि प्रशासनिक वर्ग भी सिर्फ नियामक नहीं बल्कि समाज-सेवा में सहभागी बन रहा है।

क्या मायने रखता है यह योगदान?

यह ₹5 लाख का योगदान सुनने में ज़्यादा नहीं लग सकता, पर इसके पीछे संदेश है: समानता, जिम्मेदारी, और सहयोग। जब अधिकारी खुद आगे आएँ, तो सार्वजनिक धारणा बनती है कि यह सिर्फ सरकार का काम नहीं, बल्कि “हम सब का” काम है।

इसके अलावा:

  • यह “मिशन चढ़दी कला” को बल देता है — कि मदद सिर्फ राहत तक सीमित नहीं होगी, बल्कि पुनर्निर्माण तक जाएगी।
  • यह आम नागरिक, उद्योग समूहों, एनजीओ-सभी को प्रेरित कर सकता है कि वे भी योगदान दें।
  • सामाजिक तनाव को कम करने में मदद करेगा — जब लोग देखेंगे कि हर स्तर पर लोग काम कर रहे हैं।

आगे क्या होगा?

  • अब यह जरूरी है कि इस अभियान के ज़रिए जुटाई गई राशि पारदर्शी तरीके से इस्तेमाल हो। मुख्यमंत्री ने भी यह वादा किया है कि हर पैसा सही जगह जाएगा।
  • बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर, पुनर्बहीकरण स्थल, स्कूल-हॉस्पिटल की मरम्मत, फसलों की बहाली आदि कार्य तेजी से आगे बढ़ाएँ जाएँ।
  • समाज के अन्य वर्ग — व्यापारियों, एनआरआई, धर्म-समाज — को भी इस अभियान में शामिल करना होगा ताकि कुल मिलाकर एक बड़ा सामूहिक प्रयास बने।

पंजाब आज इस दौर से गुज़र रहा है जहाँ सिर्फ “बाढ़” नहीं आई, बल्कि लाखों लोगों-परिवारों की उम्मीदों में दरार आई है। ऐसी स्थिति में ‘मिशन चढ़दी कला’ सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि उम्मीद, हौसला, और साथ-मिलकर चलने का पैगाम बन गया है।
जब प्रशासनिक अधिकारी अपनी तनख्वाह का हिस्सा देते हैं और राज्य-नागरिक एक साथ खड़े होते हैं, तो यही असली “चढ़दी कला” है — ऊँचा उठने की कला, मुश्किल में भी मुस्कुराने की कला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *