दिल्ली की हवा दिवाली के बाद बेहद जहरीली हो गई है। दीपावली की रात करीब 11 बजे दिल्ली का Air Quality Index (AQI) 598 तक पहुंच गया। यह स्थिति केवल पटाखों की वजह से नहीं, बल्कि सर्दियों की ठंडी हवा के कारण भी पैदा हुई।
दीपावली से पहले और बाद में हवा में बदलाव
दिल्ली में दिवाली से एक हफ्ता पहले से ही एयर क्वालिटी खराब हो रही थी। पूरे हफ्ते का औसत AQI 296 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ कैटेगरी में आता है।
- 19 अक्टूबर (दिवाली से एक दिन पहले) सुबह 7 बजे AQI 354 तक पहुंच गया।
- रात 10 बजे से AQI गिरना शुरू हुआ और 20 अक्टूबर की सुबह 3 बजे AQI 371 था।
- दिल्ली के अशोक विहार इलाके में AQI 714 तक पहुंच गया।
- दिवाली के दिन दिल्ली का औसत AQI 400+ रहा, जबकि केवल ग्रीन पटाखों की अनुमति थी और GRAP (Graded Response Action Plan) लागू था।
हवा खराब होने के मुख्य कारण:
- दिवाली के पटाखे
- दिल्ली में वाहनों की भीड़
- आसपास के ग्रामीण इलाकों में पराली जलाना
- सर्दी की ठंडी हवा, जो प्रदूषण को ऊपर नहीं जाने देती
सर्दियों में प्रदूषण क्यों बढ़ता है?
सर्दियों में धरती की सतह से रात में गर्मी ऊपर की हवा में बंद हो जाती है। इससे लोअर ग्राउंड इनवर्जन लेयर (Lower Ground Inversion Layer) बनती है।
इस लेयर के कारण हवा ऊपर नहीं उठ पाती और प्रदूषण वहीं लॉक हो जाता है। दोपहर में सूरज की गर्मी बढ़ने पर यह लेयर ऊपर उठती है और प्रदूषण भी ऊपर चला जाता है।
इस वजह से सर्दियों में धुंध और स्मॉग ज्यादा दिखाई देता है और स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालता है।
क्या यह सिर्फ भारत में होता है?
सर्दियों में एयर पॉल्यूशन का बढ़ना दुनिया के कई हिस्सों में होता है।
- मेक्सिको (Mexico City), यूएस (Oklahoma), रूस (Krasnoyarsk), पोलैंड (Orzeje), मिस्र (Cairo)
- ऐतिहासिक उदाहरण: ग्रेट स्मॉग ऑफ़ लंदन, 1952
- कोयला जलाने से भारी स्मॉग और धुंध
- 12,000+ लोगों की मौत, लाखों बीमार
चीन में भी सर्दियों में पॉल्यूशन रेड अलर्ट जारी होता है।
लेकिन जरूरी नहीं कि हर ठंडे देश में प्रदूषण बढ़े। अगर पॉल्यूशन न पैदा हो, तो ठंड में भी हवा साफ रहती है।
- उदाहरण: आइसलैंड, फिनलैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड, डेनमार्क
सर्दी और गर्मी में प्रदूषण में अंतर
- सर्दी: प्रदूषण लोअर एटमॉस्फेयर में लॉक → दिखाई देता है, ज्यादा नुकसान करता है।
- गर्मी: प्रदूषण ऊपरी लेयर में → सीधे असर नहीं करता।
सर्दियों में लोग सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और स्किन पर खुजली महसूस करते हैं। अस्थमा के मरीजों के लिए सर्दी खतरनाक है।
बारिश और प्रदूषण
बारिश से हवा में मौजूद प्रदूषक पानी में घुल जाते हैं।
- सल्फर, कार्बन और नाइट्रोजन प्रदूषक मिट्टी में मिल जाते हैं।
- दिल्ली में जब प्रदूषण ज्यादा बढ़ता है, तो एरियल वाटर स्प्रे और सड़कों पर पानी छिड़काव किया जाता है।
घर की हवा पर असर
बाहर की प्रदूषित हवा घर के अंदर भी फैलती है।
- खराब वेंटिलेशन होने पर प्रदूषक घर में जमा हो जाते हैं।
- इससे बीमारियां बढ़ सकती हैं।
- उपाय: घर के आसपास हवादार पेड़ लगाना, एयर फिल्टर का उपयोग।
PM2.5 लेवल और रिकॉर्ड
- दिवाली के बाद दिल्ली में 5 लेवल पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा बढ़ गया।
- छोटे प्रदूषण कण (Particles) स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं।
दिवाली के पटाखे हवा को प्रदूषित करते हैं, लेकिन सर्दियों की ठंडी हवा और इनवर्जन लेयर के कारण प्रदूषण हवा में ऊपर नहीं उठ पाता और दिल्ली की हवा जहरीली बन जाती है।
बारिश, सूरज की गर्मी और अच्छे वेंटिलेशन से प्रदूषण को कम किया जा सकता है।