पंजाब के लुधियाना में दो महीने पहले एक NRI अमेरिकी महिला रुपिंदर कौर की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस जांच में पता चला कि महिला की हत्या उसके मंगेतर और एक स्थानीय टाइपिस्ट के मिलीभगत से की गई थी। मामला इतना चौकाने वाला है कि इसमें फर्जी आधार कार्ड बनवाना और लाखों रुपए का ट्रांसफर भी शामिल है।
क्या हुआ था?
रुपिंदर कौर ने शादी के झांसे में भारत आने के बाद लुधियाना में अपने मंगेतर और एक स्थानीय युवक से मुलाकात की। उसकी हत्या 12 से 15 जुलाई 2025 के बीच हुई।
- हत्या का तरीका:
सुखजीत सिंह, जो कि एक टाइपिस्ट है, ने रुपिंदर को अपने घर में बेसबॉल बैट से पीटा।
इसके बाद उसने शव को दो दिन तक कमरे में रखा और फिर कोयले से जला दिया।
जब शरीर की चमड़ी जल गई, तो हड्डियों को बोरी में भरकर नाले में फेंक दिया।
हत्यारे ने सबूत मिटाने के लिए कमरे में रंग-रोगन और टाइल बदलवाए। - फर्जी आधार कार्ड:
सुखजीत ने 3 मार्च 2025 को रुपिंदर के नाम पर फर्जी आधार कार्ड बनवाया। इसमें रुपिंदर का पता फर्जी था, जबकि उसके असली दस्तावेज और अमेरिकी पासपोर्ट पर पता सिएटल, अमेरिका दर्ज है। पुलिस जांच कर रही है कि आधार कार्ड क्यों बनवाया गया।
शादी का झांसा और पैसा:
- रुपिंदर की मुलाकात मंगेतर चरनजीत सिंह ग्रेवाल (UK) से मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए हुई।
- चरणजीत ने रुपिंदर को बेहतर जिंदगी और शादी का झांसा दिया और भारत बुलाया।
- भारत में रुपिंदर ने 30-35 लाख रुपए ट्रांसफर किए।
- इसके बाद चरणजीत ने रुपिंदर को शादी से मना किया और सुखजीत को 50 लाख रुपए का लालच देकर हत्या के लिए कहा।
गुमशुदगी और गिरफ्तारी:
- हत्या के बाद सुखजीत ने झूठी गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई।
- 28 जुलाई को रुपिंदर की बहन ने पुलिस को गुमशुदगी की सूचना दी।
- पुलिस ने जांच शुरू की और नाले में रुपिंदर का शव मिला।
- 3 अगस्त को पुलिस ने सुखजीत को गिरफ्तार कर लिया।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:
- हत्या के समय सुखजीत का भाई और भाभी बाहर थे।
- हत्या करने के बाद सुखजीत ने कमरे की रंग-रोगन और टाइल बदलवाई, ताकि सबूत मिट जाए।
- चरनजीत और सुखजीत की मुलाकात 2014 में आम आदमी पार्टी के प्रचार के दौरान हुई थी।
- रुपिंदर ने अपने पावर ऑफ अटॉर्नी भी सुखजीत को दे रखी थी।
पुलिस जांच:
पुलिस अब इन बातों की जांच कर रही है:
- फर्जी आधार कार्ड बनवाने का मकसद।
- रुपिंदर से लिए गए पैसे का ट्रांसफर FEMA नियमों के तहत सही था या नहीं।
- सभी आरोपियों की भूमिका और उनके आर्थिक लेन-देन।
यह मामला न केवल एक दर्दनाक हत्या है, बल्कि इसमें धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज, और विदेशी पैसे का लेन-देन भी शामिल है। पुलिस ने अबतक आरोपी सुखजीत को गिरफ्तार कर लिया है और जांच जारी है।