पंजाब सरकार अब तकनीक को जनता की भलाई का सबसे बड़ा हथियार बना चुकी है। पंजाब अब सिर्फ राजनीति से नहीं, बल्कि तकनीक से भी बदलेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने एक और ऐतिहासिक पहल की है। पंजाब देश का पहला राज्य बन गया है, जहाँ ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और आँखों की खामियों की जांच के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित उपकरण लॉन्च कर दिए गए हैं।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने चंडीगढ़ म्युनिसिपल भवन से किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मानव शरीर प्रकृति की एक अद्भुत रचना है और इंसान ने स्वास्थ्य से जुड़ी कई लड़ाइयाँ लड़ी हैं। उन्होंने कहा कि कैंसर एक भयानक बीमारी है। इसलिए लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने यह ऐतिहासिक कदम उठाया है और अब AI के माध्यम से कैंसर और आंखों की जांच संभव होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार का लक्ष्य प्रतिदिन 600 आंखों की जांच और 300 छाती एवं सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग करना है।
सरकार का यह कदम न केवल पंजाब की महिलाओं, बल्कि पूरे समाज को एक नई सुरक्षा देगा, क्योंकि समय पर पहचान ही कैंसर जैसी घातक बीमारियों का सबसे बड़ा हथियार है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की सोच के अनुसार स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने इन अत्याधुनिक AI आधारित स्क्रीनिंग डिवाइसों को लॉन्च किया। ये डिवाइस छाती के कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और नजर की कमजोरी का समय रहते पता लगाने में मदद करेंगे।
यह पहला मौका नहीं है जब पंजाब सरकार ने AI को जनता की भलाई से जोड़ा है। पहले भी भगवंत मान सरकार ने AI की मदद से यह साबित किया है कि जब नीयत साफ़ हो और सोच आधुनिक हो, तो जनता का पैसा बच सकता है और सिस्टम सुधर सकता है।
कुछ ही समय पहले, पंजाब सरकार ने पूरे राज्य की 3,369 सड़कों का AI और वीडियोग्राफी से सर्वे कराया। जांच में सामने आया कि इनमें से 843 सड़कें बिल्कुल सही हालत में थीं। ये वही सड़कें थीं, जिन पर पिछली सरकारों ने मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए थे। इस बार AI सर्वे की मदद से 383 करोड़ रुपये बचाए गए। यह पैसा अब जनता की भलाई में लगाया जाएगा, बेवजह के टेंडरों और भ्रष्ट मरम्मतों में नहीं।
सिर्फ सड़कें ही नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की मरम्मत शुरू की गई है। जेलों में 252 करोड़ रुपये की ओवरहॉलिंग हो रही है, जिसमें अब 5G जैमर, AI कैमरे और लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम लगे हैं। पुलिसिंग से लेकर टैक्स सिस्टम तक पारदर्शिता लाने के लिए तकनीक को पूरी तरह अपनाया गया है। ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट में दलाली की जगह AI आधारित HAMS तकनीक है, जिससे हर उम्मीदवार की परीक्षा रिकॉर्ड होती है और परिणाम में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती।
मान सरकार की सबसे बड़ी और दूरगामी योजना शिक्षा के क्षेत्र में शुरू हुई है। 10,000 शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है। ये शिक्षक सिर्फ़ पढ़ाने वाले नहीं, बल्कि ऐसे पायनियर बनेंगे जो आने वाली पीढ़ियों को AI की भाषा सिखाएंगे। लाखों छात्रों को अब स्कूल स्तर पर ही AI की ट्रेनिंग मिलेगी, जिससे पंजाब का नौजवान सिर्फ नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि रोजगार पैदा करने वाला बनेगा।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में AI आधारित कोर्स शुरू किए गए हैं ताकि खेती से जुड़े परिवारों को भी आधुनिक तकनीक का लाभ मिल सके। इतना ही नहीं, सरकार ने पंजाबी भाषा को भी AI में इंटीग्रेट करने का मिशन शुरू किया है। इसका उद्देश्य हमारी मातृभाषा को वैश्विक पहचान दिलाना और स्थानीय युवाओं के लिए नए डिजिटल अवसर खोलना है।
यह बदलाव केवल नीतियों का नहीं, सोच का है। अब विकास का मतलब सिर्फ सड़कों और इमारतों तक सीमित नहीं है, बल्कि उस तकनीक तक पहुंच है जो हर नागरिक के जीवन को आसान बनाए। मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी सरकार ने साबित किया है कि जब सरकार की नीयत साफ़ हो और फैसले जनहित में हों, तो जनता का पैसा सुरक्षित रहता है और उसका भविष्य उज्ज्वल बनता है।
पंजाब अब एक नई दिशा में आगे बढ़ चुका है, जहाँ फैसले सिर्फ़ कागज़ों पर नहीं, बल्कि ज़मीन पर दिखते हैं। यह वही पंजाब है, जो अब घोटालों से नहीं, बल्कि ईमानदारी, तकनीक और विकास से पहचाना जाएगा।