ज़िंदगी का सफर हर किसी के लिए एक जैसा नहीं होता। कुछ लोग हर दिन ऐसी चुनौतियों से लड़ते हैं, जिनकी कल्पना करना भी मुश्किल है — जैसे दिव्यांगता (disability) या नेत्रहीनता (blindness)। उनके लिए कहीं आने-जाने का साधन, खासकर बस से सफर करना, कई बार किसी बड़ी मुश्किल से कम नहीं होता। लेकिन अब पंजाब की मान सरकार ने इन खास साथियों की मुश्किलें काफी हद तक कम कर दी हैं।
पंजाब सरकार ने दिव्यांग और नेत्रहीन व्यक्तियों को सरकारी बसों में मुफ्त या रियायती यात्रा सुविधा जारी रखने के लिए ₹84.26 लाख (करीब ₹85 लाख) की राशि जारी की है। यह कदम न सिर्फ एक आर्थिक सहायता है, बल्कि एक बड़ा सामाजिक संदेश भी देता है — कि हर नागरिक, चाहे उसकी शारीरिक स्थिति कुछ भी हो, समाज का बराबरी वाला हिस्सा है।
किसे मिलेगा फायदा?
इस योजना के तहत,
- दृष्टिबाधित (नेत्रहीन) व्यक्तियों को सरकारी बसों में 100% यानी पूरी तरह से मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई है।
- जबकि अन्य दिव्यांगजन को 50% यानी आधी छूट मिलती है।
यह सुविधा उन लोगों को दी जाती है जिनकी दिव्यांगता 40% या उससे अधिक है।
कितना बजट और कहाँ हुआ खर्च
सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि यह राशि विभाग के परिवहन सुविधा बजट का हिस्सा है।
उन्होंने बताया कि साल 2025-26 के लिए इस योजना के तहत ₹3 करोड़ 50 लाख का बजट प्रावधान किया गया था।
अब तक सरकार ₹2 करोड़ 61 लाख खर्च कर चुकी है, और अब ₹84.26 लाख की अतिरिक्त राशि जारी की गई है ताकि दिव्यांगजन बिना रुकावट इस सुविधा का लाभ उठा सकें।
सरकार का मकसद
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार का लक्ष्य है कि हर दिव्यांग और दृष्टिबाधित व्यक्ति का जीवन आसान, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाया जाए।
उन्होंने बताया कि सरकार सिर्फ परिवहन तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा, रोज़गार और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी दिव्यांगजनों के लिए लगातार काम कर रही है।

सिर्फ पैसा नहीं, सम्मान का प्रतीक
यह ₹85 लाख केवल एक संख्या नहीं है।
यह लाखों उम्मीदों की कीमत है — एक ऐसा कदम जो दिव्यांग और नेत्रहीन लोगों के लिए नई राहें खोल रहा है।
अब वे बिना किसी चिंता के स्कूल जा सकेंगे, नौकरी के लिए सफर कर सकेंगे, डॉक्टर के पास पहुँच सकेंगे, या अपने परिवार से मिलने दूर तक का सफर कर पाएंगे।
संवेदनशील सरकार, खुश जनता
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार ने यह दिखा दिया है कि उनके लिए शासन का मतलब सिर्फ़ नीतियाँ बनाना नहीं, बल्कि इंसानियत और समानता को सबसे ऊपर रखना है।
यह योजना उन चेहरों पर मुस्कान लाएगी, जो अब तक बस किराए के कारण अपने सपनों को रोक लेते थे।
यह पहल दिखाती है कि जब नीयत साफ़ हो और सोच समाज के हर वर्ग तक पहुँचे, तो बदलाव मुमकिन है।
यह ₹85 लाख की राशि सिर्फ एक सरकारी आंकड़ा नहीं, बल्कि यह एक ऐसा संदेश है — “आप अकेले नहीं हैं।”
पंजाब सरकार का यह कदम बताता है कि असली शासन वही है, जो सेवा के भाव से किया जाए।
