संसद का मानसून सत्र एक बार फिर भारी हंगामे की वजह से ठप हो गया। लोकसभा और राज्यसभा दोनों को शुक्रवार को 28 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया, क्योंकि विपक्षी सांसदों ने बिहार में चल रही ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)’ यानी मतदाता सूची की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया पर चर्चा की मांग को लेकर लगातार विरोध किया।
लोकसभा में दो बार स्थगन, विपक्षी नारेबाज़ी जारी
लोकसभा की कार्यवाही को पहले सुबह 11 बजे और फिर दोपहर 2 बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्षी सांसदों ने सदन के वेल में आकर जोरदार नारेबाज़ी की, जिससे कोई भी विधायी कार्य नहीं हो सका।
इस दौरान अध्यक्ष ओम बिरला अनुपस्थित थे, और उनकी जगह जगदंबिका पाल ने सभापतित्व संभाला। उन्होंने विपक्षी सांसदों से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की और कहा कि शुक्रवार का दिन प्राइवेट मेंबर बिल्स के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। लगभग 200 सांसदों को अपने निजी विधेयक प्रस्तुत करने थे, लेकिन हंगामे की वजह से सब रोक दिया गया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस भी अधर में
इससे पहले स्पीकर ओम बिरला ने सभी दलों की ऑल-पार्टी बैठक भी बुलाई थी, ताकि गतिरोध को खत्म किया जा सके। उन्होंने अपील की थी कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर 28 जुलाई को प्रस्तावित 16 घंटे की लंबी बहस को बिना बाधा पूरा होने दिया जाए। लेकिन विपक्ष अपने मुद्दे पर अड़ा रहा।
राज्यसभा में भी हंगामा, नियम 267 के तहत बहस की मांग
राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 2 बजे तक चली और फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जब सदन में बोल रहे थे, तब विपक्षी सांसदों ने उन्हें बीच में रोकते हुए नियम 267 के तहत बिहार SIR पर बहस की मांग रखी।
उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने इस नोटिस को खारिज कर दिया और सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए विपक्षी सदस्यों को चेतावनी दी।
कमल हासन ने तमिल में ली राज्यसभा सदस्य की शपथ
इस बीच, अभिनेता और राजनेता कमल हासन ने तमिल भाषा में राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ली। उनके साथ DMK के अन्य नवनिर्वाचित सदस्यों ने भी शपथ ली।
संसद के बाहर भी कांग्रेस का प्रदर्शन
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद भवन के बाहर वोटर लिस्ट संशोधन मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि बिहार में वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ हो रही है और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।
मानसून सत्र में अब तक कोई बड़ा काम नहीं
21 जुलाई को शुरू हुए मानसून सत्र में अभी तक कोई खास विधायी कार्य नहीं हो सका है। विपक्ष लगातार महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर हिंसा, और अब बिहार SIR जैसे मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला बोल रहा है। वहीं सरकार चाहती है कि सदन का कामकाज सुचारू रूप से चले।
अब देखना होगा कि 28 जुलाई को दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से शुरू हो पाती है या नहीं, और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ समेत अन्य अहम मुद्दों पर बहस होती है या फिर हंगामा ही जारी रहता है।