कभी पंजाब की गलियों, चौक-चौराहों और ट्रैफिक सिग्नलों पर छोटे-छोटे बच्चे हाथ में कटोरा लिए भीख माँगते नज़र आते थे। ये मासूम बच्चे भूख, गरीबी और मजबूरी में अपना बचपन गँवा रहे थे। लेकिन आज तस्वीर बदल रही है। अब वही बच्चे किताबों के साथ स्कूल जा रहे हैं, नए सपने देख रहे हैं और सम्मान के साथ जी रहे हैं। यह बड़ा बदलाव संभव हुआ है मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सोच और पंजाब सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “प्रोजेक्ट जीवनज्योत” की वजह से।
‘प्रोजेक्ट जीवनज्योत‘ की शुरुआत
पंजाब सरकार ने जुलाई 2024 में इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इसका पहला चरण जून 2025 तक चला।
इस प्रोजेक्ट का मकसद था —
- सड़कों पर भीख माँगते बच्चों को बचाना।
- उन्हें सुरक्षित माहौल देना।
- शिक्षा, पोषण और काउंसलिंग जैसी ज़रूरी सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
- परिवारों को रोज़गार और आत्मनिर्भरता से जोड़ना।
सीएम मान ने इसे “रंगला पंजाब” के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
पहले चरण की उपलब्धियाँ (जुलाई 2024 – जून 2025)
पहले चरण में सरकार ने कई सख्त और संवेदनशील कदम उठाए।
- कुल छापेमारी अभियान: 753
- बचाए गए बच्चे: 367
- 350 बच्चों को उनके माता-पिता के पास सुरक्षित लौटाया गया।
- 17 बच्चों को बाल देखभाल संस्थानों में भेजा गया।
बचाव के बाद उठाए गए कदम:
- 183 बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाया गया।
- 30 बच्चों को प्रायोजन योजना (Sponsor Scheme) से जोड़ा गया।
- 8 छोटे बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में भेजा गया।
यहाँ सिर्फ बच्चों को बचाने पर ही ध्यान नहीं दिया गया बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ठोस प्रयास किए गए।
दूसरा चरण – ‘प्रोजेक्ट जीवनज्योत 2.0′
पहले चरण की सफलता के बाद, जुलाई 2025 में ‘जीवनज्योत 2.0′ की शुरुआत हुई।
सिर्फ एक महीने के अंदर यानी 25 अगस्त 2025 तक शानदार नतीजे देखने को मिले।
- छापेमारी अभियान: 523
- बचाए गए बच्चे: 279
- 137 बच्चों को उसी दिन परिवार के पास भेजा गया।
- 142 बच्चों को बाल देखभाल संस्थानों में रखा गया।
इस बार सरकार ने नई तकनीक का इस्तेमाल भी किया।
- 15 बच्चों के डीएनए सैंपल लिए गए ताकि उनकी सही पहचान हो सके और उन्हें सुरक्षित वातावरण मिल सके।
सिर्फ बचाव नहीं, जड़ से समाधान
पंजाब सरकार ने यह समझा कि बच्चों के सड़क पर आने की असली वजह क्या है।
सबसे बड़ी वजहें हैं:
- गरीबी
- नशे की समस्या
- दूसरे राज्यों से बच्चों को लाकर मजबूरी में भीख मंगवाना
इन समस्याओं को खत्म करने के लिए सरकार ने परिवारों को कई योजनाओं से जोड़ा:
- रोज़गार योजनाएँ — ताकि परिवार खुद कमा सकें।
- पोषण कार्यक्रम — बच्चों को सही खाना मिले।
- शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएँ — बच्चे सुरक्षित और शिक्षित बनें।
इस तरह यह सिर्फ बचाव नहीं बल्कि 360-डिग्री मॉडल है जिसमें Rescue (बचाव), Rehabilitation (पुनर्वास), Education (शिक्षा), Health (स्वास्थ्य), और Empowerment (आत्मनिर्भरता) सब कुछ शामिल है।
त्योहारों और मेलों में खास इंतज़ाम
पंजाब सरकार अब त्योहारों और बड़े आयोजनों में भी सख्त कदम उठा रही है।
- कपूरथला जोड़ मेला जैसे आयोजनों में स्पेशल रेस्क्यू टीम तैनात की गई।
- इन टीमों का काम है यह सुनिश्चित करना कि कोई बच्चा इन आयोजनों में भीख न माँगे।
सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा —
“बच्चों का बचपन सड़कों पर नहीं, स्कूलों में होना चाहिए। ‘जीवनज्योत 2.0’ हमारे सपनों के पंजाब की तरफ बढ़ता कदम है।”
पुनर्वास के ठोस नतीजे
अब तक 311 बच्चों को पूरी तरह से पुनर्वासित किया गया है।
इन बच्चों को दिया गया:
- शिक्षा
- पोषण
- काउंसलिंग
- और सामाजिक समर्थन
इन कदमों से बच्चे न सिर्फ भीख माँगने से दूर हुए बल्कि उनका भविष्य सुरक्षित हुआ।
जनता की भागीदारी भी अहम
इस मुहिम में आम लोग भी आगे आ रहे हैं।
- लोग चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर भीख माँगते बच्चों की सूचना दे रहे हैं।
- इस सहयोग से कई बच्चों को तुरंत बचाया गया।
नए कानून की तैयारी
पंजाब सरकार अब बच्चों को भीख मंगवाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाने जा रही है।
- यह नया कानून बच्चों का शोषण करने वालों पर कड़ी सज़ा देगा।
- हर बच्चे को शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान का हक़ मिलेगा।
- यह कानून पूरे देश के लिए एंटी-बेगिंग मॉडल का उदाहरण बनेगा।
अब तक की उपलब्धियाँ — एक नज़र में
चरण/विवरण | आँकड़े |
पहला चरण (जुलाई 2024 – जून 2025) | |
छापेमारी अभियान | 753 |
बचाए गए बच्चे | 367 |
माता-पिता को सौंपे गए बच्चे | 350 |
संस्थानों में भेजे गए बच्चे | 17 |
स्कूल में दाखिला | 183 |
प्रायोजन योजना से जुड़े | 30 |
आंगनवाड़ी भेजे गए बच्चे | 8 |
दूसरा चरण (जुलाई 2025 – 25 अगस्त 2025) | |
छापेमारी अभियान | 523 |
बचाए गए बच्चे | 279 |
परिवार को सौंपे गए बच्चे | 137 |
संस्थानों में भेजे गए बच्चे | 142 |
डीएनए सैंपल लिए गए बच्चे | 15 |
कुल पुनर्वासित बच्चे | 311 |
‘प्रोजेक्ट जीवनज्योत’ सिर्फ बच्चों को भीख माँगने से रोकने की योजना नहीं है, बल्कि यह समाज में स्थायी बदलाव लाने का मिशन है।
- बच्चों का बचपन सड़कों से हटकर किताबों और सपनों में लौट रहा है।
- परिवार गरीबी से निकलकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।
- और पंजाब पूरे देश के लिए आदर्श एंटी-बेगिंग मॉडल बन रहा है।
यह पहल दिखाती है कि जब सरकार, जनता और नीति साथ आएँ, तो किसी भी बच्चे का भविष्य बदलना मुश्किल नहीं है।