पंजाब अब सिर्फ़ “किसानों का राज्य” नहीं, बल्कि “उद्योग और रोजगार का हब” बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार के आने के बाद राज्य में निवेश और विकास की नई लहर आई है। पहले जहाँ पंजाब बेरोज़गारी और कृषि संकट से जूझ रहा था, वहीं अब यहाँ नेस्ले, पेप्सीको और कोका-कोला जैसी बड़ी कंपनियाँ करोड़ों का निवेश कर रही हैं।
राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों, ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस सुधारों और तेज़ फैसले लेने की व्यवस्था ने पंजाब को निवेशकों की पसंद बना दिया है। सरकार के आँकड़ों के मुताबिक, साल 2022 से अब तक ₹1.23 लाख करोड़ से ज़्यादा के निवेश प्रस्ताव आए हैं, जिनमें सबसे बड़ा हिस्सा फूड प्रोसेसिंग सेक्टर का है।
नेस्ले इंडिया: किसानों से जुड़ा विकास मॉडल
मोगा जिले में नेस्ले इंडिया ने ₹583 करोड़ का निवेश किया है। कंपनी ने यहाँ अपने प्रमुख फूड प्रोसेसिंग प्लांट का विस्तार किया है, जहाँ दूध और अन्य खाद्य उत्पादों का उत्पादन किया जाएगा। इस प्लांट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका 90% दूध पंजाब के स्थानीय किसानों और सहकारी समितियों से लिया जाता है।
इससे न सिर्फ़ किसानों की आय बढ़ी है बल्कि उन्हें आधुनिक डेयरी तकनीकों और गुणवत्ता सुधार के प्रशिक्षण भी मिल रहे हैं।
सरकार ने इस परियोजना को मंज़ूरी देने में पूरा सहयोग दिया — जैसे बिजली रियायतें, पूंजीगत प्रोत्साहन और बुनियादी ढाँचे का विकास।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पहल को “किसानों और उद्योग का साझीदार मॉडल” बताया है। नेस्ले अब मोगा में Maggi, Nescafé और डेयरी प्रोडक्ट्स की नई रेंज लॉन्च करने की तैयारी में है। इससे पंजाब भारत के फूड प्रोसेसिंग मानचित्र पर और मज़बूत स्थान हासिल करेगा।
कोका-कोला इंडिया: पर्यावरण से जुड़ा इंडस्ट्रियल प्लांट
लुधियाना में कोका-कोला इंडिया ने ₹275 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक पेय निर्माण संयंत्र लगाया है। यह प्लांट पूरी तरह “ग्रीन ग्रोथ” (Green Growth) की सोच पर बनाया गया है। इसमें जल पुनर्चक्रण (Water Recycling), सोलर एनर्जी और वेस्ट रीसाइक्लिंग जैसी पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।
इस संयंत्र से न सिर्फ़ दर्जनों प्रत्यक्ष और सैकड़ों अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा हुए हैं, बल्कि लुधियाना का औद्योगिक माहौल भी और मज़बूत हुआ है।
पंजाब सरकार ने इस प्रोजेक्ट को रिकॉर्ड समय में मंज़ूरी दी और कर छूट, भूमि आवंटन और बिजली दरों में रियायत दी।
यह संयंत्र पंजाब में इको-फ्रेंडली इंडस्ट्रीज का नया उदाहरण बनकर उभरा है।
पेप्सीको इंडिया: टिकाऊ खेती और स्नैक इंडस्ट्री का हब
संगरूर जिले में पेप्सीको इंडिया ने ₹30 करोड़ का निवेश कर अपने फूड प्रोसेसिंग प्लांट का विस्तार किया है। यहाँ आलू और अन्य कच्चे माल से स्नैक्स और प्रोसेस्ड फूड तैयार किए जाते हैं।
कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग (Contract Farming) के ज़रिए पंजाब के हज़ारों किसानों से सीधा जुड़ाव किया है। पेप्सीको किसानों को टिकाऊ कृषि तकनीक (Sustainable Farming) सिखा रही है, जिससे उत्पादन बढ़ा है और पानी की बचत भी हो रही है।
सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग और ऊर्जा दक्षता (Energy Efficiency) पर विशेष प्रोत्साहन दिए हैं। संगरूर अब कृषि और उद्योग के संतुलित विकास मॉडल के रूप में जाना जा रहा है।
पर्यावरण और विकास — साथ-साथ
भगवंत मान सरकार का सबसे बड़ा फोकस विकास के साथ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना है।
राज्य की नई औद्योगिक नीति (Industrial Policy) के अनुसार, हर नई परियोजना में
- Zero Liquid Discharge,
- Rainwater Harvesting, और
- Waste Recycling
जैसे प्रावधान अनिवार्य किए गए हैं।
इससे यह सुनिश्चित हुआ है कि विकास के साथ-साथ प्रकृति की रक्षा भी हो। यही वजह है कि अब पंजाब को एक “Green Industrial State” के रूप में पहचान मिल रही है।
निवेश और रोजगार के आँकड़े
- 2022 से अब तक: ₹1.23 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव
- कुल सृजित नौकरियाँ: 4.5 लाख से अधिक
- विदेशी निवेश (FDI) वर्ष 2025 में: ₹8,000 करोड़
- नेस्ले, कोका-कोला और पेप्सीको के निवेश से: ₹1,000 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश
मुख्यमंत्री मान का कहना है —
“हम पंजाब को सिर्फ़ निवेश का गंतव्य नहीं, बल्कि अवसरों की धरती बनाना चाहते हैं, जहाँ हर निवेश से समाज के हर वर्ग को लाभ पहुँचे।”
नतीजा: एक नया पंजाब
आज पंजाब की कहानी सिर्फ़ आर्थिक विकास की नहीं, बल्कि एक नई सोच और आत्मविश्वास की कहानी है।
नेस्ले की डेयरी क्रांति, कोका-कोला की हरित पहल (Green Initiative) और पेप्सीको की टिकाऊ खेती का मॉडल दिखाता है कि सरकार और उद्योग मिलकर कैसे एक मजबूत पंजाब बना सकते हैं।
अब पंजाब केवल “कृषि प्रधान राज्य” नहीं रहा — यह एक “उभरता हुआ इंडस्ट्रियल पावरहाउस” है, जहाँ हर फैक्ट्री एक नई उम्मीद और हर पंजाबी एक नए भविष्य का प्रतीक है।