PTM पर सरकारी स्कूलों में माता-पिता की मानसिक स्वास्थ्य Checkup! Punjab शिक्षा विभाग की अनूठी पहल!

पंजाब सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार नई और जनहितैषी पहलें कर रही है। इसी क्रम में अब शिक्षा को जनस्वास्थ्य से जोड़ते हुए एक अनूठा प्रयास लुधियाना जिले से शुरू किया गया है। जिले के सभी सरकारी स्कूलों में 17 अक्तूबर को होने वाली पैरेंट-टीचर मीटिंग (PTM) को इस बार एक विशेष ‘हाइपरटेंशन और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान’ के साथ जोड़ा जा रहा है।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि पीटीएम में भाग लेने वाले माता-पिता और अभिभावकों को ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन और मानसिक स्वास्थ्य के जोखिम के प्रति जागरूक किया जाए। यह अभियान पंजाब सरकार और लुधियाना स्थित दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (DMCH) के सहयोग से, ‘मिशन स्वस्थ कवच’ के तहत चलाया जा रहा है।

पंजाब सरकार की यह सोच है कि स्कूल सिर्फ शिक्षा का केंद्र नहीं होने चाहिए, बल्कि उन्हें समाज के स्वास्थ्य और भलाई का भी केंद्र बनाया जाना चाहिए। जब बच्चे और उनके परिवार स्वास्थ्य के महत्व को समझेंगे, तभी एक बेहतर और जागरूक समाज का निर्माण हो पाएगा। इस अभियान के ज़रिए स्वास्थ्य की जानकारी स्कूलों से निकलकर परिवारों और पूरे समुदाय तक पहुंचाई जाएगी।

लुधियाना के डिप्टी ज़िला शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी), अमनदीप सिंह ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक स्कूल में कम से कम 100 अभिभावकों या आगंतुकों का ब्लड प्रेशर मापा जाए। यह कार्य शिक्षकों और उन छात्रों की मदद से किया जाएगा जिन्हें मिशन स्वस्थ कवच के तहत फर्स्ट एड की ट्रेनिंग दी गई है। प्रत्येक व्यक्ति का बीपी तीन बार मापा जाएगा ताकि परिणाम सही और वैज्ञानिक हो।

डिप्टी डीईओ ने बताया कि सरकार ने सभी स्कूलों को स्थायी रूप से ब्लड प्रेशर मापने की मशीनें उपलब्ध करवा दी हैं। इस पहल का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और तनाव के बारे में भी जागरूकता बढ़ाएगी। साथ ही, इससे विद्यार्थियों में सामाजिक सेवा और जिम्मेदारी की भावना भी विकसित होगी।

इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी स्कूल के हेल्थ मेंटर को सौंपी गई है, जो छात्रों के साथ मिलकर चेकअप शिविर का आयोजन करेगा। स्कूलों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे इस पूरे कार्यक्रम का रिकॉर्ड गूगल फॉर्म के माध्यम से शिक्षा विभाग को भेजें। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी स्कूल में लापरवाही पाई गई, तो उसके लिए स्कूल प्रमुख (प्रिंसिपल) स्वयं जिम्मेदार होंगे।

सरकार का मानना है कि यह पहल “शिक्षा और स्वास्थ्य – एक दिन में दो लाभ” की सोच को साकार करती है। इस दिन माता-पिता न केवल अपने बच्चों की पढ़ाई और प्रगति के बारे में जानकारी ले सकेंगे, बल्कि अपनी सेहत की जांच भी निःशुल्क करवा सकेंगे। जब माता-पिता स्वस्थ और मानसिक रूप से संतुलित होंगे, तो वे अपने बच्चों की पढ़ाई में भी बेहतर योगदान दे पाएंगे।

लुधियाना जिले की यह पहल पूरे पंजाब के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकती है। इससे न केवल हाइपरटेंशन और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि छात्रों में सामाजिक जिम्मेदारी और सेवा की भावना भी विकसित होगी। यह दिखाता है कि पंजाब सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़कर समग्र विकास की दिशा में काम कर रही है, जहाँ ज्ञान और सेहत दोनों एक साथ आगे बढ़ते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *