पंजाब सरकार ने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया है जिसने हर आम आदमी को राहत की सांस दी है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में सरकार ने अब तक 18 टोल प्लाज़ा हमेशा के लिए बंद कर दिए हैं। इस फैसले से लोगों की रोज़ाना करीब ₹61.67 लाख की सीधी बचत होगी।
सरकार का कहना है कि यह सिर्फ टोल हटाने का फैसला नहीं है, बल्कि पंजाब के लोगों को “बिना वजह लूट” से बचाने और उनके हक़ की रक्षा करने का कदम है।
सरकार का विज़न – “रंगला पंजाब”
“रंगला पंजाब” यानी एक खुशहाल और तरक्की वाला पंजाब। मुख्यमंत्री मान का कहना है कि टोल प्लाज़ा अब ‘खुलेआम लूट की दुकानें’ बन गए थे, जिन्हें पिछली सरकारों ने जारी रखा। लेकिन अब उनका “सड़कों को किराए पर देने का युग” खत्म हो चुका है।
कहाँ-कहाँ टोल बंद हुए और कितनी बचत हुई?
- लाचोवाल (टांडा-होशियारपुर रोड): ₹1.94 लाख/दिन
- माजरी (SBS नगर), नंगल शहीदां और मानगढ़ (होशियारपुर): ₹10.52 लाख/दिन
- मक्खू पुल: ₹0.60 लाख/दिन
- कीरतपुर साहिब-नंगल-ऊना रोड: ₹10.12 लाख/दिन
- समाना-पातरां (पटियाला): ₹3.75 लाख/दिन
- मोगा-कोटकपुरा रोड: ₹4.50 लाख/दिन
- फाजिल्का-फिरोजपुर हाईवे: ₹6.34 लाख/दिन
- दाखा-बरनाला स्टेट हाईवे (SH-13): ₹4.50 लाख/दिन
- भवानीगढ़-नाभा-गोबिंदगढ़ रोड (2 टोल): ₹3.50 लाख/दिन
- पटियाला-नाभा-मलेरकोटला रोड: ₹2.90 लाख/दिन
- लड्डा और अहमदगढ़ (लुधियाना-मलेरकोटला-संगरूर रोड): ₹13 लाख/दिन
कुल मिलाकर इन 18 टोल प्लाज़ा को बंद करने से पंजाब के लोगों की रोज़ाना करीब ₹61 लाख से ज़्यादा की बचत हो रही है।
अब तक 535 किलोमीटर रोड टोल-फ्री
लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने बताया कि सत्ता में आने के बाद से अब तक लगभग 535.45 किलोमीटर राज्य राजमार्ग टोल-फ्री किए गए हैं। इससे लोगों को सफर में न सिर्फ पैसे की बचत हो रही है, बल्कि जाम, लंबी कतारें और टोल की झंझट से भी मुक्ति मिली है।
जनता के लिए बड़ी राहत
लोगों का कहना है कि टोल प्लाज़ा हटने से उन्हें लगता है जैसे कोई पुराना बोझ उतर गया हो। पहले हर सफर पर बार-बार रुकना, पैसे देना और समय बर्बाद होना पड़ता था। अब सड़कें smooth और tension-free हो गई हैं।
मान सरकार का संदेश
- पंजाब में अब “लूट नहीं, सेवा की सरकार” चलेगी।
- आम लोगों पर आर्थिक बोझ कम करना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
- यह फैसला सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि जनता और सरकार के बीच विश्वास का रिश्ता भी है।
नतीजा क्या निकला?
यह फैसला एक मील का पत्थर साबित हुआ है। अब सड़कें सिर्फ मंज़िल तक पहुंचाने का जरिया नहीं, बल्कि लोगों के लिए खुशहाली और सम्मान की राह बन चुकी हैं।
पंजाब सरकार का यह कदम दिखाता है कि अब प्राथमिकता कॉरपोरेट कंपनियों का फायदा नहीं, बल्कि जनता का हित है।
मान सरकार का यह मास्टरस्ट्रोक पंजाब को एक नए दौर की ओर ले जा रहा है। 18 टोल प्लाज़ा का बंद होना सिर्फ “दरवाजे पर ताला” लगाना नहीं, बल्कि जनता की रोज़ाना की कमाई बचाना, सफर आसान बनाना और लोगों को सम्मान देना है। यही है असली “रंगला पंजाब” का रास्ता।