मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ़ कफ सिरप के कारण 14 से 16 बच्चों की दर्दनाक मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इन घटनाओं के तुरंत बाद पंजाब सरकार ने संवेदनशीलता और त्वरित निर्णय क्षमता का परिचय देते हुए राज्य में इस सिरप की बिक्री, वितरण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी सरकार ने स्पष्ट किया कि राज्य की जनता की सेहत और सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।
आठ दवाओं पर ऐतिहासिक प्रतिबंध
कोल्ड्रिफ़ कफ सिरप के साथ-साथ राज्य सरकार ने कुल आठ दवाओं पर रोक लगाने का अभूतपूर्व निर्णय लिया है। स्वास्थ्य विभाग को इन दवाओं से प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिसे गंभीरता से लेते हुए सरकार ने इनके प्रयोग, खरीद और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। ये दवाएं अब किसी भी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सा संस्थान में इस्तेमाल नहीं की जाएंगी।
प्रतिबंधित दवाओं की सूची:
-
कोल्ड्रिफ़ कफ सिरप
-
नॉर्मल सेलाइन
-
डेक्सट्रोज़ इंजेक्शन
-
सिप्रोफ्लोक्सासिन इंजेक्शन
-
DNS 0.9%
-
N/2 प्लस डेक्सट्रोज़ IV फ्लूइड
-
ब्यूपिवाकेन HCL विद डेक्सट्रोज़
(कुछ ब्रांड्स विशेष रूप से चिन्हित)
सरकार ने इन दवाओं की आपूर्ति करने वाली तीन फार्मा कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है और राज्यभर के मेडिकल स्टोरों को बिक्री रोकने के स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं।
सभी अस्पतालों और क्लीनिक्स को सख्त निर्देश
सभी सरकारी और निजी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, मेडिकल स्टोरों और क्लीनिकों को निर्देश दिया गया है कि इन प्रतिबंधित दवाओं का मौजूदा स्टॉक तुरंत वापस किया जाए। साथ ही, डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और नर्सिंग स्टाफ को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि मरीज़ों को केवल सुरक्षित और प्रमाणित दवाएं ही दी जाएं।
विशेषज्ञ समिति और निगरानी प्रणाली गठित
स्वास्थ्य विभाग ने एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है जो इन दवाओं से प्रभावित हुए मरीज़ों के मामलों की गहन जांच करेगी और विशेष इलाज प्रोटोकॉल तैयार करेगी। साथ ही, दवाओं की गुणवत्ता जांच और निगरानी को मजबूत करने के लिए नई प्रणाली लागू की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को पूरी तरह रोका जा सके।
लगातार निगरानी और जांच
ड्रग कंट्रोलर की टीमों द्वारा पूरे राज्य में सघन निरीक्षण चलाया जा रहा है। बाजार में उपलब्ध दवाओं की सैंपलिंग और टेस्टिंग तेज कर दी गई है ताकि कोई भी गुणवत्ता रहित या खतरनाक दवा राज्य में न पहुंचे। पंजाब सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हर नागरिक को सुरक्षित, भरोसेमंद और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।
व्यापक जनजागरूकता अभियान
सरकार ने आम जनता, मरीजों और चिकित्सा कर्मचारियों के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान के अंतर्गत:
-
प्रतिबंधित दवाओं की सूची साझा की जा रही है
-
लोगों को सलाह दी जा रही है कि किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना न करें
-
मेडिकल स्टाफ को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि रहे
-
सभी अस्पतालों में विशेष निगरानी व्यवस्था लागू कर दी गई है
जनता से सीधी अपील
पंजाब सरकार ने सभी नागरिकों और अभिभावकों से अपील की है कि यदि उनके पास इन प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक मौजूद है या किसी मरीज़ को इनके सेवन से कोई साइड इफेक्ट हुआ है, तो वे तत्काल अपने नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र, ज़िला चिकित्सा अधिकारी या ड्रग कंट्रोल विभाग से संपर्क करें। सरकार ने इसके लिए 24×7 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं जहां शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
एक मजबूत और संवेदनशील स्वास्थ्य प्रणाली की दिशा में कदम
इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि आम आदमी सरकार आम जनता की सेहत और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। दवाओं की गुणवत्ता को लेकर कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भविष्य में भी सरकार ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगी। यह कदम राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को सबसे सुरक्षित, पारदर्शी और जनहितैषी बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।