Global Sikh Council ने तख़्तों की sovereignty और heritage sites के preservation पर लिया बड़ा फैसला

विश्व स्तर पर सिख समुदाय की एकता और सेवा को मजबूत करने के उद्देश्य से ग्लोबल सिख काउंसिल (GSC) ने अपने वार्षिक आम सभा (AGM) में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इस बैठक में 28 देशों की सिख संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए और तीन घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई।

प्रधान डॉ. कंवलजीत कौर की अध्यक्षता में हुई इस AGM में धार्मिक, मानवतावादी और प्रशासनिक मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श किया गया। बैठक की शुरुआत उप-प्रधान परमजीत सिंह बेदी (अमेरिका) द्वारा पंजाब में बाढ़ प्रभावित परिवारों की भलाई और राहत के लिए अरदास से हुई।

मुख्य निर्णय और पहलें:

  1. भारत में तख़्तों की प्रभुसत्ता:
    • GSC ने श्री हजूर साहिब (महाराष्ट्र) और श्री पटना साहिब (बिहार) तख़्तों को राज्य सरकारों के प्रशासनिक नियंत्रण से मुक्त कराने के प्रयासों का समर्थन करने का निर्णय लिया।
    • तख़्तों के मान-सम्मान और आध्यात्मिक अधिकार बहाल करने पर जोर।
  2. पाकिस्तान में सिख विरासती स्थलों का संरक्षण:
    • विरासत समिति ने पाकिस्तान में उपेक्षित गुरुद्वारों और ऐतिहासिक स्थलों की बहाली और उनकी निगरानी के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
    • इवैक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड और पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग का सहयोग स्वागत योग्य।
  3. भारत में ट्रस्ट की स्थापना:
    • पारदर्शी ढंग से सेवा और बुनियादी सुविधाएँ देने के लिए भारत में एक पंजीकृत ट्रस्ट बनाया जाएगा।
    • इस ट्रस्ट को FCRA प्रमाणपत्र के तहत विदेशी योगदान स्वीकार करने की अनुमति भी मिलेगी।
  4. धार्मिक और कानूनी पहलें:
    • ‘संत’ और ‘ब्रह्म ज्ञानी’ जैसी सिख उपाधियों के प्रामाणिक अर्थ स्पष्ट किए गए।
    • राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होकर तख़्तों को उचित स्वतंत्र दर्जा दिलाने की अपील।
  5. मानवतावादी मदद:
    • पंजाब के बाढ़ प्रभावित गांवों, खासकर फिरोज़पुर और फाजिल्का जिलों में किसानों और सीमावर्ती निवासियों की कठिन स्थिति पर ध्यान।
    • वैश्विक सिख संस्थाओं से राहत और पुनर्वास कार्यों में सहयोग की अपील।

आगामी योजना:

  • अगले साल नवंबर 2026 में चंडीगढ़ में अगली AGM आयोजित की जाएगी।
  • भविष्य में धार्मिक सुधार, मानवतावादी मदद और अन्य पहलकदमियों के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा।

सत्र का समापन:
उप-प्रधान राम सिंह बम्बे ने सभी प्रतिनिधियों की सराहना की और कहा कि यह बैठक न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही, बल्कि सिख समुदाय की सेवा और एकता के प्रति GSC की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

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