पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ के कारण कई जिलों के गांव और कस्बे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस प्राकृतिक आपदा के बीच कुछ दुकानदार और व्यापारी लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर ज़रूरी सामान महंगे दामों पर बेच रहे हैं। इसे रोकने के लिए पंजाब सरकार ने सख़्त कदम उठाते हुए जीरो टॉलरेंस पॉलिसी लागू की है।
कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। शनिवार को वे अजनाला और आसपास के गांवों में पहुंचे और वहां के बाजारों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दुकानदारों और व्यापारियों से सीधे बात की और साफ शब्दों में चेतावनी दी कि किसी भी हालत में काला बाज़ारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंत्री धालीवाल का सख्त संदेश
भीड़भाड़ वाले बाजार में खड़े होकर मंत्री धालीवाल ने दुकानदारों से पंजाबी में कहा –
“काला बाज़ारी से बचो। लोगों की तकलीफ न बढ़ाओ। अगर कोई मुनाफाखोरी करता पकड़ा गया तो उस पर सख़्त कानूनी कार्रवाई होगी।”
निरीक्षण के समय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। इससे दुकानदारों और व्यापारियों को साफ संदेश गया कि सरकार इस बार किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगी।
धालीवाल ने दुकानदारों से कहा कि इस मुश्किल समय में उनका फर्ज़ है कि वे ईमानदारी से काम करें और लोगों की मदद करें, न कि उनका शोषण।
जमाखोरी और बढ़ते दामों की शिकायतें
किसान मज़दूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि बाढ़ के बीच ज़रूरी सामान की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
- 25 किलो चारे का पैकेट, जिसकी सामान्य कीमत ₹550 थी, अब ₹630 तक बेचा जा रहा है।
- नावों की कीमतें दोगुनी और कभी-कभी तिगुनी कर दी गई हैं।
- लकड़ी की नाव – पहले ₹30,000, अब ₹60,000।
- फाइबर/रबर की नाव – पहले ₹30,000-₹40,000, अब ₹80,000।
- ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर वही नाव ₹2.5 लाख तक बेची जा रही है।
- जनरेटर, पेट्रोल और दवाइयां तक महंगे दामों पर बेची जा रही हैं।
इन बढ़ी हुई कीमतों की वजह से बाढ़ पीड़ित लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई परिवार तो राहत सामग्री तक खरीदने में असमर्थ हो गए हैं।
सरकार का ऐक्शन प्लान
सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
- कई दुकानदारों और व्यापारियों के लाइसेंस रद्द किए गए।
- एफआईआर दर्ज कर मुकदमे चलाए जा रहे हैं।
- रोज़ाना छापेमारी और गुप्त जांच की जाएगी ताकि कालाबाज़ारी करने वालों को कोई मौका न मिले।
- लोगों की शिकायतें तुरंत दर्ज करने के लिए 24×7 हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया गया है।
मंत्री धालीवाल ने साफ कर दिया है कि चाहे कोई कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, अगर वह जमाखोरी या काला बाज़ारी करते पकड़ा गया तो बख्शा नहीं जाएगा।
जनता का भरोसा बढ़ा
इस कार्रवाई के बाद बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग राहत महसूस कर रहे हैं।
- स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहली बार है जब किसी सरकार ने केवल चेतावनी देने तक सीमित न रहते हुए तुरंत ऐक्शन लिया।
- मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी टीम की सराहना की जा रही है क्योंकि उन्होंने:
- राहत शिविरों तक सस्ती दरों पर ज़रूरी सामान पहुंचाने की व्यवस्था की।
- मौके पर जाकर लोगों की समस्याएं सुनीं।
- तुरंत नीतिगत फैसले लिए और सख्त कार्रवाई शुरू की।
लोगों का कहना है कि इस कदम से उन्हें भरोसा हुआ है कि सरकार सच में जनता के साथ खड़ी है।
भविष्य की योजना
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यह अभियान केवल कुछ दिनों तक नहीं चलेगा, बल्कि लगातार जारी रहेगा।
- रूटीन पेट्रोलिंग और गुप्त निरीक्षण जारी रहेंगे।
- काला बाज़ारी रोकने के लिए गांव-गांव में अधिकारी तैनात रहेंगे।
- हर शिकायत पर तुरंत ऐक्शन लिया जाएगा।
पंजाब सरकार का यह कदम इस बात का सबूत है कि संकट के समय मुनाफाखोरी करने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा।
“अब हर दुकानदार और व्यापारी के लिए ये साफ संदेश है –
ईमानदारी और निष्पक्षता ही सबसे जरूरी है, खासकर तब जब पंजाब के लोग मुसीबत में हैं।”
इस अभियान से जहां जमाखोरी पर रोक लगने की उम्मीद है, वहीं जनता का भरोसा भी सरकार पर और मजबूत होगा।