पंजाब सरकार ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के युवाओं को खेल और स्वास्थ्य का बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मिलकर यह घोषणा की कि पूरे पंजाब के 3,100 गांवों में “मॉडल प्लेग्राउंड” बनाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट पर सरकार करीब ₹1,194 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
यह योजना 2025-26 के बजट में शुरू की गई है और इसे “रूरल रिसर्जेंस प्रोजेक्ट” (Rural Resurgence Project) का नाम दिया गया है। इसका मकसद सिर्फ खेल के मैदान बनाना नहीं, बल्कि गांवों में नई जान डालना, युवाओं को नशे से दूर रखना, और समाज को जोड़ना है।
मुख्य उद्देश्य:
- हर बच्चे और युवा को खेल की सुविधा देना
- नशे से युवाओं को बचाना
- गांवों में समाजिक जुड़ाव बढ़ाना
- बुज़ुर्गों, महिलाओं और बच्चों सभी के लिए एक सुरक्षित सामुदायिक जगह तैयार करना
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा:
“पंजाब के गांवों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है, लेकिन सुविधाओं की कमी है। अब हम वो सुविधाएं गांव-गांव तक पहुंचाने जा रहे हैं। यह प्रोजेक्ट सिर्फ बच्चों के लिए नहीं, बल्कि हर उम्र और हर वर्ग के लोगों के लिए है। हर गांव को एक खूबसूरत और सुरक्षित खेल का मैदान मिलेगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह पहल पंजाब के इतिहास में पहली बार हो रही है जब ग्रामीण इलाकों में इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट खेल के इंफ्रास्ट्रक्चर पर किया जा रहा है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा:
“पंजाब की असली ताकत उसके गांव हैं। जब गांव मजबूत होंगे, तभी पंजाब मजबूत होगा। दिल्ली में हमने शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम किया, अब पंजाब में खेल और युवाओं पर फोकस करेंगे। ये प्लेग्राउंड सिर्फ मैदान नहीं होंगे — ये गांवों का दिल बनेंगे, जहां बच्चे खेलेंगे, लोग मिलेंगे, और गांव की संस्कृति जिंदा रहेगी।”
उन्होंने कहा कि खेलों के ये मैदान युवाओं को नशे से बचाने में भी बड़ी भूमिका निभाएंगे। जब बच्चों और युवाओं को खेलने और एक्टिव रहने का मौका मिलेगा, तो वे गलत रास्ते पर नहीं जाएंगे।
इन ‘मॉडल प्लेग्राउंड’ में क्या-क्या होगा:
सरकार ने हर गांव के लिए ऐसी सुविधाएं तय की हैं जिससे हर उम्र के लोग कुछ न कुछ कर सकें —
- बच्चों के लिए झूले, स्लाइड्स और स्पोर्ट्स एरिया
- बुज़ुर्गों के लिए बैठने की जगह और वॉकिंग ट्रैक
- युवाओं के लिए फुटबॉल, वॉलीबॉल और कबड्डी के मैदान
- महिलाओं के लिए अलग शौचालय और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था
- शाम को भी खेलने के लिए हाई-मास्ट लाइट्स
- साफ पीने के पानी, बैठने की बेंच और मनोरंजन के साधन
हर मैदान में साफ-सफाई और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी स्थानीय पंचायतों की होगी, ताकि मैदान हमेशा एक्टिव और सुरक्षित रहें।
प्लेग्राउंड के आकार (Size) के अनुसार संख्या:
आकार | प्लेग्राउंड की संख्या |
1 एकड़ से कम | 964 |
1–2 एकड़ | 1,107 |
2–3 एकड़ | 554 |
3–4 एकड़ | 344 |
4 एकड़ से ज़्यादा | 131 |
कुल | 3,100 |
इससे हर गांव — चाहे छोटा हो या बड़ा — अपनी ज़रूरत के हिसाब से खेल की सुविधा पा सकेगा।
कैसे बनेगा ये प्रोजेक्ट:
यह प्रोजेक्ट तीन चरणों (phases) में पूरा किया जाएगा।
- पहले चरण में 3,100 गांवों में काम शुरू होगा।
- सभी मैदानों का एक जैसा डिज़ाइन होगा ताकि गुणवत्ता बनी रहे।
- सरकार ने एक सेंट्रल मॉनिटरिंग डैशबोर्ड बनाया है, जिस पर ज़मीनी स्तर से अपडेट भेजे जाएंगे।
- हर महीने प्रोजेक्ट की रिव्यू मीटिंग होगी और जो विभाग पीछे रहेगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
कौन संभाल रहा है जिम्मेदारी:
इस पूरी परियोजना की निगरानी दो विभाग करेंगे —
- ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग
- खेल और युवा सेवा विभाग
दोनों विभाग मिलकर सुनिश्चित करेंगे कि हर काम समय पर, गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी तरीके से पूरा हो।
मुख्यमंत्री का समापन संदेश:
“यह सिर्फ एक सरकारी प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि पंजाब के भविष्य में एक इन्वेस्टमेंट है। आने वाले दिनों में जब हमारे बच्चे इन मैदानों में खेलेंगे, तो हमें गर्व होगा कि हमने उनके सपनों को पंख दिए।”
अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि यह प्रोजेक्ट आने वाली पीढ़ियों के लिए एक “गिफ्ट ऑफ फ्यूचर” है — जिसे आने वाला इतिहास याद रखेगा।
पंजाब सरकार का यह कदम न सिर्फ खेलों को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण पंजाब में नए जोश, नई ऊर्जा और नई सोच लेकर आएगा। आने वाले सालों में जब गांवों के बच्चे इन मैदानों में दौड़ेंगे, तो शायद वही दौड़ पंजाब के विकास की नई रफ्तार बनेगी।