पंजाब सरकार और टाटा स्टील के बीच हुआ एक ऐतिहासिक समझौता राज्य के औद्योगिक और सामाजिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। लुधियाना के कडियाना खुर्द में ₹2,600 करोड़ की लागत से टाटा स्टील का भारत का पहला लो-कार्बन ग्रीन स्टील प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का भूमि पूजन समारोह 20 अक्टूबर 2023 को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की उपस्थिति में हुआ।
यह अत्याधुनिक प्लांट पर्यावरण के अनुकूल इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (EAF) तकनीक से स्टील उत्पादन करेगा, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 0.75 मिलियन टन होगी। यह पूरी तरह से रिसाइकल किए गए स्टील स्क्रैप का उपयोग करेगा, जिससे प्रदूषण में भारी कमी आएगी और ऊर्जा की भी बचत होगी।
इस परियोजना से पंजाब के युवाओं के लिए रोजगार के सुनहरे अवसर खुलेंगे। लगभग 500 प्रत्यक्ष और 2,000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। राज्य सरकार ने स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने और उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों की योजना बनाई है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
सरकार ने इस प्रोजेक्ट को समयबद्ध और सफल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अगस्त 2022 में टाटा स्टील को 115 एकड़ भूमि आवंटित की गई, साथ ही सड़क कनेक्टिविटी और सभी जरूरी मंजूरी की प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाया गया। इसके अलावा, औद्योगिक नीति के तहत कर छूट और अन्य वित्तीय प्रोत्साहन भी दिए गए हैं।
टाटा स्टील द्वारा यह लो-कार्बन प्लांट केवल औद्योगिक प्रगति ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह पंजाब सरकार के हरित विकास के दृष्टिकोण को मजबूती देगा और राज्य को एक स्वच्छ, टिकाऊ औद्योगिक केंद्र में बदलने की दिशा में अग्रसर करेगा।
इस निवेश से पंजाब की अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा। स्थानीय व्यापार, निर्माण, परिवहन और सेवा क्षेत्रों में गतिविधियाँ बढ़ेंगी, जिससे राज्य के राजस्व में इजाफा होगा और समग्र आर्थिक विकास को गति मिलेगी। यह प्रोजेक्ट पंजाब को एक प्रमुख औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
इसके अतिरिक्त, 12 मार्च 2024 को लुधियाना में टाटा स्टील ने एक पूरी तरह से स्वचालित निर्माण सेवा केंद्र का उद्घाटन किया है। यह केंद्र टिस्कॉन TMT रिबार और बोर पाइल केज जैसी कस्टमाइज़्ड निर्माण सामग्री प्रदान करेगा, जिसकी मासिक क्षमता 1,500 टन है। यह केंद्र निर्माण उद्योग में गुणवत्ता और दक्षता दोनों को बढ़ावा देगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने एक ऐसा वातावरण बनाया है जहाँ उद्योग और पर्यावरण एक साथ आगे बढ़ सकें। यह परियोजना न सिर्फ युवाओं को अवसर देगी, बल्कि राज्य की समृद्धि और सतत विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।