पंजाब अब सिर्फ अपने खेतों और गुरुद्वारों के लिए ही नहीं, बल्कि देश और दुनिया के प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में उभरने जा रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में कई बड़े ऐलान किए हैं, जिनका मकसद राज्य को पर्यटन और एडवेंचर हब बनाना है।
पठानकोट को जल्द ही एडवेंचर हब के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां पर जेट-स्कीइंग, काइट सर्फिंग, जिप-लाइनिंग और लक्जरी फ्लोटिंग रिसॉर्ट्स जैसी एडवेंचर गतिविधियों के लिए शानदार सुविधाएं बनाई जा रही हैं। साथ ही, शिवालिक पहाड़ियों में 15 नए ट्रैकिंग रूट, जंगल सफारी, कैंपिंग साइट्स और ग्रामीण होमस्टे भी विकसित किए जा रहे हैं। यह पहल न केवल साहसिक खेलों के शौकीनों को आकर्षित करेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को गाइड और ऑपरेटर के रूप में रोजगार के अवसर भी देगी।
फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा:
पंजाब में एक अत्याधुनिक फिल्म सिटी बनाने की योजना है, जो बॉलीवुड और पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के लिए नया गंतव्य बनेगी। यह परियोजना पर्यटन और मनोरंजन उद्योग में नई जान डालने वाली है।
खेल पर्यटन को बढ़ावा:
अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। इसके जरिए न सिर्फ खेल प्रेमियों को आकर्षित किया जाएगा, बल्कि राज्य में रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का संवर्धन:
पंजाब सरकार ने शहीद भगत सिंह संग्रहालय (खटकर कलां) को विश्वस्तरीय सुविधाओं से सजाया है, जिसमें 3D होलोग्राम और इंटरैक्टिव डिस्प्ले हैं। इसी तरह सारागढ़ी म्यूज़ियम (फिरोज़पुर) ने 21 सिख सैनिकों की वीरगाथा को अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों तक पहुँचाया है। जलियांवाला बाग, किला मुबारक (पटियाला) और अन्य ऐतिहासिक स्थलों का आधुनिकीकरण किया गया है, जिससे पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
ग्रामीण और एग्री-टूरिज्म में प्रगति:
गुरदासपुर का नवांपिंड सरदारां भारत का बेस्ट टूरिज़्म विलेज 2023 घोषित हुआ, जबकि फतेहगढ़ साहिब का हंसाली फार्मस्टे एग्री-टूरिज्म में राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुका है। अब 50 से अधिक गांवों को टूरिज़्म विलेज के रूप में विकसित करने की योजना है। यहां पर्यटक पारंपरिक पंजाबी जीवनशैली, लोक संगीत, देसी भोजन और हस्तशिल्प का अनुभव ले सकते हैं।
त्योहार और सांस्कृतिक कार्यक्रम:
पंजाब सरकार ने पारंपरिक त्योहार जैसे लोहड़ी, बैसाखी, तीज और लोक नृत्य जैसे गिद्दा-भांगड़ा, कव्वाली, सूफी संगीत को पर्यटन कैलेंडर में शामिल किया है। इसके अलावा बसंत मेला (फिरोज़पुर), किला रायपुर ग्रामीण ओलंपिक्स और गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
डिजिटल और टेक्नोलॉजी पहल:
पर्यटकों के लिए नई टूरिज़्म ऐप लॉन्च की गई है, जिसमें होटल बुकिंग, ट्रांसपोर्ट, टूर गाइड, इवेंट्स और इमरजेंसी सेवाओं की पूरी जानकारी उपलब्ध है। इसके अलावा AI-आधारित चैटबॉट, वर्चुअल टूर्स और सोशल मीडिया प्रमोशन से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित किया जा रहा है। प्रमुख पर्यटन स्थलों पर Wi-Fi, स्मार्ट टॉयलेट्स, सेल्फी पॉइंट्स और इंफो किऑस्क की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
कानूनी और प्रशासनिक सुधार:
पंजाब टूरिज़्म एंड हेरिटेज अथॉरिटी एक्ट, 2025 पारित हुआ है। इसके तहत निजी निवेशकों को सिंगल-विंडो क्लीयरेंस मिलेगा और स्थानीय समुदाय को पर्यटन राजस्व में सीधी हिस्सेदारी मिलेगी। यह कदम पर्यटन को केवल राजस्व का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का माध्यम बनाने की दिशा में है।
आर्थिक और रोजगार लाभ:
2024-25 में पर्यटन क्षेत्र में 73 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है। होटल, हॉस्पिटैलिटी, ट्रांसपोर्ट, गाइड सेवाएं और स्थानीय उद्यमों में हजारों नई नौकरियां पैदा हुई हैं। फिल्म सिटी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम जैसी मेगा परियोजनाओं से और भी हजारों रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री का लक्ष्य:
अगले तीन वर्षों में पंजाब को भारत के शीर्ष पर्यटन राज्यों में शामिल करना और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करना। इस नीति के मूल में विकास, स्थानीय संस्कृति संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी शामिल है।
पंजाब अब एडवेंचर, संस्कृति और ऐतिहासिक पर्यटन के सभी पहलुओं में दुनिया के नक्शे पर अपनी पहचान बनाने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।